India Most Expensive Film का न केवल व्यावसायिक, बल्कि फिल्म उद्योग पर भी बड़ा असर पड़ा। फिल्म बनाने में अमरोही ने भारी कर्ज लिया था।
1983 में रिलीज़ हुई “रजिया सुल्तान” एक ऐतिहासिक बायोपिक थी, जिसमें भारत की पहली महिला मुस्लिम शासक रजिया सुल्तान की कहानी दिखाई गई थी। यह फिल्म कमाल अमरोही का ड्रीम प्रोजेक्ट था, जिसे बनाने में सात साल लग गए। फिल्म में हेमा मालिनी ने रजिया सुल्तान का किरदार निभाया था और धर्मेंद्र, परवीन बाबी, और सोहराब मोदी जैसे बड़े सितारे थे। फिल्म का बजट ₹10 करोड़ था, जो उस समय की सबसे महंगी भारतीय फिल्म थी। लेकिन, यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप हो गई और केवल ₹2 करोड़ ही कमा पाई।
फिल्म की असफलता के कारण
“रजिया सुल्तान” की असफलता के कई कारण थे। पहले तो फिल्म की उर्दू भाषा दर्शकों के लिए बहुत जटिल थी, और लंबा रनटाइम भी आलोचना का कारण बना। इसके अलावा, धर्मेंद्र द्वारा एबिसिनियन गुलाम योद्धा याकूत का किरदार निभाने के लिए ब्लैकफेस का इस्तेमाल भी विवाद का कारण बना।
फिल्म में एक और विवादास्पद ट्रैक था, जिसमें रजिया सुल्तान और उनकी सहयोगी खाकुन (परवीन बॉबी द्वारा निभाई गई) के बीच एक चुम्बन दृश्य था, जिसे कुछ दर्शकों ने समलैंगिक संबंध के रूप में देखा। इसने फिल्म को और भी नकारात्मक प्रचार दिलवाया और पारिवारिक दर्शक इससे दूर हो गए।
फिल्म उद्योग पर प्रभाव
“रजिया सुल्तान” का न केवल व्यावसायिक, बल्कि फिल्म उद्योग पर भी बड़ा असर पड़ा। फिल्म बनाने में अमरोही ने भारी कर्ज लिया था, और जब फिल्म फ्लॉप हुई, तो यह पूरी फिल्म इंडस्ट्री को नकदी संकट में डालने वाली स्थिति में आ गई। कई वितरक और प्रदर्शक नुकसान में रहे, और बॉलीवुड की कई छोटी-छोटी कंपनियां कर्ज में डूब गईं।
कमाल अमरोही का करियर
“रजिया सुल्तान” की असफलता ने कमाल अमरोही के करियर को गहरे रूप से प्रभावित किया। वह बाद में एक और फिल्म, “मजनूं”, राजेश खन्ना के साथ बनाने की योजना बना रहे थे, लेकिन वित्तीय समस्याओं के कारण वह भी नहीं बन पाई। इसके बाद, वह मुगलों के आखिरी सम्राट बहादुर शाह जफर पर एक फिल्म “अखिरी मुग़ल” लिख रहे थे, लेकिन वह भी अधूरी रह गई। कमाल अमरोही 1993 में निधन हो गए और “रजिया सुल्तान” उनकी आखिरी फिल्म बनी।
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