“Fake Medicine Racket” एफडीए अधिकारी ने कहा कि सिप्रोफ्लोक्सासिन की नकली गोलियां, जो कई जीवाणु संक्रमणों के इलाज के लिए निर्धारित हैं, पूरे महाराष्ट्र के कई सरकारी अस्पतालों में करोड़ों रुपये की आपूर्ति की गईं।
नागपुर: महाराष्ट्र खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने एक फर्जी दवा रैकेट का पर्दाफाश किया है और नागपुर के एक सरकारी अस्पताल से 21,600 गोलियां जब्त की हैं जिन्हें एंटीबायोटिक सिप्रोफ्लोक्सासिन के रूप में पेश किया गया था, एक अधिकारी ने शनिवार को कहा।
उन्होंने बताया कि जब्ती के संबंध में ठाणे निवासी एक व्यक्ति समेत तीन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है, जो पहले से ही इसी तरह के मामले में जेल में हैं। एफडीए के एक अधिकारी ने कहा कि दवा पिछले साल सरकारी अनुबंध प्रक्रिया के माध्यम से खरीदी गई थी।
इसे हाल ही में इंदिरा गांधी सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल से जब्त किया गया था, जो जिले में सरकारी सुविधाओं के लिए दवाओं की आपूर्ति करता है।
एफडीए अधिकारी ने कहा कि सिप्रोफ्लोक्सासिन की नकली गोलियां, जो कई जीवाणु संक्रमणों के इलाज के लिए निर्धारित हैं, पूरे महाराष्ट्र के कई सरकारी अस्पतालों में करोड़ों रुपये की आपूर्ति की गईं।
“Fake Medicine Racket” की मुख्य बातें
- महाराष्ट्र में एफडीए ने नकली दवा रैकेट का भंडाफोड़ किया है।
- नागपुर के एक सरकारी अस्पताल से 21,600 नकली एंटीबायोटिक गोलियां जब्त की गई हैं।
- जब्त दवा ‘सिप्रोफ्लोक्सासिन’ नामक एंटीबायोटिक थी, जिसका इस्तेमाल कई जीवाणु संक्रमणों के इलाज में किया जाता है।
- इस मामले में ठाणे, लातूर और भिवंडी के तीन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है।
- मुख्य आरोपी विजय शैलेंद्र चौधरी पहले से ही फर्जी दवा बेचने के मामले में जेल में है।
FDA अधिकारियों का कहना
- नकली दवाएं मरीजों के स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक हो सकती हैं।
- एफडीए नकली दवाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रखेगा।
- मरीजों को केवल विश्वसनीय दवा विक्रेताओं से ही दवाएं खरीदनी चाहिए।
यह घटना महाराष्ट्र में नकली दवाओं की समस्या की गंभीरता को उजागर करती है। FDA और अन्य संबंधित एजेंसियों को इस समस्या से निपटने के लिए और अधिक सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मरीजों को केवल विश्वसनीय दवा विक्रेताओं से ही दवाएं खरीदनी चाहिए।
“Fake Medicine Racket” की अतिरिक्त जानकारी
- एफडीए ने बताया कि जब्त दवा पिछले साल सरकारी अनुबंध प्रक्रिया के माध्यम से खरीदी गई थी।
- यह इंदिरा गांधी सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल से जब्त किया गया था, जो जिले में सरकारी सुविधाओं के लिए दवाओं की आपूर्ति करता है।
- एफडीए अधिकारी ने कहा कि सिप्रोफ्लोक्सासिन की नकली गोलियां पूरे महाराष्ट्र के कई सरकारी अस्पतालों में करोड़ों रुपये की आपूर्ति की गईं।
यह एक गंभीर मामला है और एफडीए द्वारा की गई कार्रवाई स्वागत योग्य है। नकली दवाओं के खिलाफ लड़ाई में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
हमें उम्मीद है कि एफडीए इस मामले की जांच जारी रखेगा और सभी दोषियों को सजा दिलाएगा।