“gyanvapi mosque asi report” क्या मिला ज्ञानवापी के अंदर: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद अब मथुरा काशी को लेकर हलचल तेज हो गई है। इसी कड़ी में काशी की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर एएसआई की सर्वे रिपोर्ट अब सार्वजनिक हो गई है. दावा किया जाता है कि भारतीय पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा ढांचे के निर्माण से पहले यहां एक हिंदू मंदिर था
The Evidence Found In Gyanvapi Mosque ASI Report Made It Clear That It Was A Hindu Temple
ज्ञानवापी मस्जिद: पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट सामने आने के बाद दावा किया गया है कि मस्जिद के निर्माण में केवल हिंदू मंदिर के स्तंभों का इस्तेमाल किया गया है। इस बीच अंदर की तस्वीरें भी सामने आई हैं आइए तस्वीरों में देखते हैं कि कौन से सबूत सामने आए हैं। इनमें से पहली फोटो शिवलिंग की है।
क्या मिला ज्ञानवापी के अंदर: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद अब मथुरा काशी को लेकर हलचल तेज हो गई है। इसी कड़ी में काशी की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर एएसआई की सर्वे रिपोर्ट अब सार्वजनिक हो गई है. दावा किया जाता है कि भारतीय पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा ढांचे के निर्माण से पहले यहां एक हिंदू मंदिर था ASI की 839 पेज की रिपोर्ट में यह पाया गया है कि ज्ञानवापी परिसर में पहले वहां हिंदू मंदिर था, जिसे तोड़कर नया स्ट्रक्चर बनाया गया।
दरअसल, एएसआई ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि ज्ञानवापी में पहले एक हिंदू मंदिर था। ज्ञानवापी के स्तंभों पर हिंदू देवी-देवताओं के प्रतीक पाए गए हैं। ज्ञानवापी के स्तंभों पर पशु-पक्षियों के चिह्न भी मिले हैं। इसके अलावा एएसआई ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि पश्चिमी दीवार हिंदू मंदिर का बचा हुआ हिस्सा है। सिर्फ इतना ही नहीं, ASI की रिपोर्ट में यह बात भी सामने आया है कि हिंदू मंदिर का स्ट्रक्चर 17वीं शताब्दी में तोड़ा गया है और ज्ञानवापी परिसर को बनाने में इसी मलबे का उपयोग किया गया है।
यह भी कहा गया है कि ज्ञानवापी में बनी मस्जिद को बनाने में हिंदू मंदिर के खंभों का इस्तेमाल किया गया है. इस बीच अंदर की तस्वीरें भी सामने आई हैं ASI ने जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें करीब 32 ऐसे सबूत मिले हैं, जो पुराने हिंदू मंदिर के हैं।
आपको बता दें कि ज्ञानवापी के सर्वे के दौरान एएसआई ने जीपीआर तकनीक की भी मदद ली थी. जीपीआर सर्वे के अनुसार ज्ञानवापी के उत्तरी हॉल में एक कुआं प्रतीत होता है। वर्तमान संरचना के निर्माण के लिए एक हिंदू मंदिर के स्तंभों और प्लास्टर का उपयोग किया गया था। एएसआई ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में साफ लिखा है कि यहां एक बड़ा हिंदू मंदिर था
ज्ञानवापी परिसर में मिले शिलालेखों को इसके हिंदू मंदिर होने के सबसे बड़े सबूत के तौर पर देखा जा रहा है. एएसआई को पूरे परिसर में करीब 32 ऐसे सबूत मिले हैं, जो साबित करते हैं कि ज्ञानवापी का धार्मिक स्वरूप एक हिंदू मंदिर जैसा है। यानी यहां एक हिंदू मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी. मस्जिद के निर्माण में बड़े पैमाने पर हिंदू मंदिरों के अवशेषों का उपयोग किया गया था।
इन सबूतों में शिवलिंग, हनुमान जी की मूर्ति, गदा, कॉपर के सिक्के, गणेश जी की मूर्ति, और विष्णु भगवान की मूर्ति है।
एएसआई की सर्वेक्षण रिपोर्ट का अध्ययन करने पर पता चला कि ज्ञानवापी के शिलालेख देवनागरी, ग्रंथ, तेलुगु और कन्नड़ भाषा में हैं। शिलालेख पर जनार्दन, रुद्र और उमेश्वर का नाम भी लिखा हुआ मिला है। इसके अलावा शिलालेख पर महामन्त्री मंडप जैसे शब्द भी लिखे हैं, जो इस मामले में बहुत महत्वपूर्ण है. ASI की सर्वे रिपोर्ट से ये बात बिल्कुल साफ है कि ज्ञानवापी के मौजूदा ढांचे की जगह पर एक मंदिर था |