NASA New Space Mission नासा के नए मिशन ब्लैक होल और आकाशगंगा निर्माण की खोज में नई जानकारी हासिल करने का प्रयास।

नासा ने एक्स-रे और दूर अवरक्त तरंगों के अध्ययन के लिए दो नए खगोल मिशन प्रस्तावों को चुना है। यह मिशन नासा के एक्सप्लोरर्स प्रोग्राम का हिस्सा हैं और हर एक को 12 महीने के कॉन्सेप्ट अध्ययन के लिए $5 मिलियन मिलेंगे। 2026 में यह तय होगा कि कौन सा मिशन आगे बढ़ेगा, और इसका लॉन्च 2032 में होगा।
इन दोनों मिशनों का मकसद ब्रह्मांड के अनजान पहलुओं की खोज करना है। नासा के विज्ञान मिशन निदेशालय के निकोला फॉक्स ने इन मिशनों की वैज्ञानिक महत्वता पर जोर दिया है।
- उन्नत एक्स-रे इमेजिंग सैटेलाइट: यह मिशन सुपरमैसिव ब्लैक होल और तारकीय प्रतिक्रिया का अध्ययन करने के लिए बनाया गया है। इसे मैरीलैंड विश्वविद्यालय के क्रिस्टोफर रेनॉल्ड्स के नेतृत्व में विकसित किया जाएगा। यह पिछले एक्स-रे मिशनों पर आधारित होगा और बेहतर इमेजिंग तकनीक का उपयोग करेगा।
- खगोल भौतिकी के लिए प्रोब फार-इन्फ्रारेड मिशन: यह मिशन नासा गोडार्ड के जेसन ग्लेन के नेतृत्व में तैयार किया जा रहा है। इसका उद्देश्य इन्फ्रारेड और रेडियो टेलीस्कोप के बीच की खाई को पाटना है। यह 1.8 मीटर की दूरबीन का उपयोग कर ग्रहों के निर्माण, सुपरमैसिव ब्लैक होल, और ब्रह्मांडीय धूल के बारे में जानकारी जुटाएगा।
इन दोनों प्रस्तावों को उनके वैज्ञानिक महत्व और नासा के भविष्य के लक्ष्यों के साथ मिलान के लिए चुना गया है। जीतने वाला मिशन नासा के नए प्रोब एक्सप्लोरर्स मिशनों में पहला होगा, जो बड़े और छोटे मिशनों के बीच की दूरी को कम करेगा।
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