Chinese Scientist ‘He Jiankui’ Deleted DNA from Human Body:चीनी वैज्ञानिक ‘He Jiankui’ ने मानव शरीर से डिलीट किया डीएनए

चीन ने किया एक और खतरनाक काम एक Chinese Scientist ने दो बच्चों के डीएनए को ही बदल दिया इस वैज्ञानिक ने उन बच्चों के बिमारी वाले जीन को ही डिलीट कर दिया ताकि उन बच्चों में वो बीमारी पैदा ही ना हो

चीन ने किया एक और खतरनाक काम एक Chinese Scientist ‘He Jiankui’ ने दो बच्चों के डीएनए को ही बदल दिया इस वैज्ञानिक ने उन बच्चों के बिमारी वाले जीन को ही डिलीट कर दिया ताकि उन बच्चों में वो बीमारी पैदा ही ना हो |

CRISPR टेक्नोलॉजी

बायो वैज्ञानिक ने CRISPR नाम की टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके बिमारियों को डीएनए से हटाने में सफलता प्राप्त की है ऐसा वैज्ञानिकों का दावा है, और ऐसे ही josiah zayner नाम के बायो हैकर वैज्ञानिक ने अपने डीएनए कोड को बदलने के लिए CRISPR को इंजेक्ट किया और उन्होंने पाया की उनकी एक हाथ की मसल Increase हो गयी है, क्योंकि zayner ने myostatin protien को एडिट कर दिया जो मसल्स ग्रोथ को रोकता है |

बायो वैज्ञानिक ने CRISPR नाम की टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके बिमारियों को डीएनए से हटाने में सफलता प्राप्त की है ऐसा वैज्ञानिकों का दावा है, और ऐसे ही josiah zayner नाम के बायो हैकर वैज्ञानिक ने अपने डीएनए कोड को बदलने के लिए CRISPR को इंजेक्ट किया और उन्होंने पाया की उनकी एक हाथ की मसल Increase हो गयी है, क्योंकि zayner ने myostatin protien को एडिट कर दिया जो मसल्स ग्रोथ को रोकता है |

He Jiankui Changes in DNA code through CRISPR टेक्नोलॉजी

ऐसा ही एक चीनी वैज्ञानिक ही जियानकुई (He Jiankui) ने कहा की उन्होंने CRISPR की सहायता से दो बच्चियों के डीएनए से CCR5 नाम के जीन को एडिट करके डिलीट कर दिया, जिसकी वजह से उन बच्चियों को एड्स कभी नहीं होगा चीन के इस वैज्ञानिक ने CRISPR नामक टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके बीमारी को डीएनए से ही ख़त्म कर दिया |

ऐसा ही एक चीनी वैज्ञानिक ही जियानकुई (He Jiankui) ने कहा की उन्होंने CRISPR की सहायता से दो बच्चियों के डीएनए से CCR5 नाम के जीन को एडिट करके डिलीट कर दिया, जिसकी वजह से उन बच्चियों को एड्स कभी नहीं होगा चीन के इस वैज्ञानिक ने CRISPR नामक टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके बीमारी को डीएनए से ही ख़त्म कर दिया |

Human DNA Codes और उनके परिणाम

मानव डीएनए कोड से मिलकर बनता है और यही कोड एक जनरेशन से दुसरे जनरेशन बच्चों में ट्रान्सफर होता है जिससे हम यह कह पाते हैं की बच्चा माँ पर गया है | फेस ही नहीं बीमारियाँ भी ट्रान्सफर होती है और इस बात को चीनी वैज्ञानिक He Jiankui ने  साबित कर दिया  है | CRISPR के इस्तेमाल से डीएनए कोड बदला जा सकता है और अब दुनिया भर के वैज्ञानिकों में इसी बात की चर्चा है की डीएनए में बदलाव करके मानव संभावित श्रृंखला डेटा और पॉवर में बदलाव करके उम्र को भी बढाया जा सकता  है |

अगर ऐसा हो गया तो जन्म के साथ पैदा होने वाली बिमारियों को CRISPR टेक्नोलॉजी की सहायता से जड़ से ख़त्म किया जा सकता है | लोगों की उम्र भी बढ़ेगी और मानव स्वस्थ जीवन जी सकता है |

 

samacharsankalp

आप सभी को मेरी तरफ से नमस्कार, मेरा नाम अभिषेक है। मैं भारत का रहने वाला हूँ । मैं एक कंटेंट राइटर और क्रिएटर हूँ । यहाँ समाचार संकल्प पर मेरी भूमिका आप सभी तक हर तरह की हिंदी न्यूज़ पहुँचाना है, ताकि आपको देश दुनिया की ख़बरें मिलती रहें । धन्यवाद ।

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