Unveiling the Story of Christmas: How This Festival Came to Be |क्रिसमस मनाने का इतिहास: जानिए कैसे शुरु हुआ यह त्योहार
क्रिसमस सुनते ही मन में रंग-बिरंगे ट्री, चमकती रोशनी, और ढेर सारे उपहारों की तस्वीर उभरती है। यह त्योहार बच्चों और बड़ों, दोनों के लिए ही खुशियों का पर्व है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्रिसमस मनाने की परंपरा कैसे शुरू हुई?
Christmas Tree : क्रिसमस ट्री
पेड़ों को सजाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। कुछ लोगों का मानना है कि क्रिसमस ट्री की शुरुआत जर्मनी में हुई थी। 15वीं या 16वीं शताब्दी में, सनोवर के पेड़ों को सम्मान दिया जाता था, खासकर देश के उत्तरी भाग में।
1761 में, राजकुमारी शार्लोट, जो जर्मनी से थीं, ने ब्रिटेन के राजकुमार जॉर्ज III से शादी की। वे अपने साथ जर्मन क्रिसमस परंपराओं को भी लायीं, जिसमें क्रिसमस ट्री भी शामिल था। उनकी पोती, रानी विक्टोरिया ने भी क्रिसमस ट्री को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
The Festival of Christmas : क्रिसमस का उत्सव
क्रिसमस ईसाई धर्म का प्रमुख त्योहार है। यह 25 दिसंबर को ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। भारत समेत पूरी दुनिया में यह त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है।
दिसंबर महीने की शुरुआत होते ही लोग क्रिसमस की तैयारी में जुट जाते हैं। घरों को सजाया जाता है, क्रिसमस ट्री लगाया जाता है, और उपहारों का आदान-प्रदान किया जाता है। बच्चे इस त्योहार का विशेष रूप से इंतजार करते हैं क्योंकि उन्हें ढेर सारे उपहार मिलते हैं।
The Importance of Christmas : क्रिसमस का महत्व
क्रिसमस केवल एक त्योहार ही नहीं, बल्कि प्रेम, दया और उदारता का प्रतीक भी है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि हमें दूसरों की मदद करनी चाहिए और उनके साथ खुशियां बांटनी चाहिए।
निष्कर्ष:
क्रिसमस एक ऐसा त्योहार है जो लोगों को एकजुट करता है और उन्हें खुशी देता है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि हमें जीवन में सकारात्मक सोच रखनी चाहिए और दूसरों के प्रति दयालु होना चाहिए।