Truck Drivers End Agitation After Amendment In Hit-And-Run Law
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 106(2) में हिट-एंड-रन मामलों में सख्त सजा का प्रावधान है। इस धारा के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति लापरवाही से गाड़ी चलाकर किसी की मौत का कारण बनता है और घटना के तुरंत बाद पुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को जानकारी दिए बिना भाग जाता है, तो उसे 10 साल तक की सजा या सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।
इस धारा के खिलाफ Truck Drivers का विरोध मुख्य रूप से इसलिए था क्योंकि वे मानते थे कि यह धारा उन पर अन्याय करेगी। उनका तर्क था कि कई मामलों में दुर्घटना चालक की गलती नहीं होती है, लेकिन वह फिर भी भागने के लिए मजबूर हो जाता है क्योंकि वह जानता है कि उसे सजा मिलेगी। इसके अलावा, उन्होंने यह भी चिंता व्यक्त की कि यह धारा सड़क पर असुरक्षित माहौल पैदा करेगी क्योंकि चालक दुर्घटना के बाद घबराकर भाग जाएंगे, जिससे घायल या मृत व्यक्ति को तत्काल चिकित्सा सहायता नहीं मिल पाएगी।
Truck Drivers समस्या
सरकार ने ट्रक चालकों की चिंताओं को समझा और हिट-एंड-रन कानून में कुछ संशोधन किए। इन संशोधनों के तहत, धारा 106(2) में यह प्रावधान किया गया है कि यदि चालक दुर्घटना के तुरंत बाद पुलिस को जानकारी देता है, तो उसे धारा 106(1) के तहत दंडित किया जाएगा, जिसमें अधिकतम सजा पांच साल तक की है। इसके अलावा, सरकार ने यह भी आश्वासन दिया है कि हिट-एंड-रन कानून को लागू करने से पहले ट्रांसपोर्टरों से चर्चा की जाएगी।
हिट-एंड-रन कानून में संशोधन, सरकार ने ट्रक चालकों को दिए आश्वासन
2 जनवरी, 2024 को, भारत सरकार ने हिट-एंड-रन कानून पर बातचीत के बाद Truck Drivers के आंदोलन को खत्म करने के लिए एक समझौता किया। इस समझौते के तहत, सरकार ने निम्नलिखित आश्वासन दिए:
- हिट-एंड-रन कानून अभी लागू नहीं किया जाएगा।
- जब भी कानून को लागू किया जाएगा, तो ट्रांसपोर्टरों से चर्चा की जाएगी।
- कानून में ऐसे प्रावधान किए जाएंगे जो दुर्घटना के समय चालक की गलती नहीं होने पर उसे बचा सकें।
हिट-एंड-रन कानून में संशोधन से ट्रक चालकों का समाधान हुआ
इस समझौते के बाद, ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने Truck Drivers से हड़ताल खत्म करने की अपील की। इसके बाद, ट्रक चालकों ने हड़ताल खत्म कर दी और काम पर लौट आए।
इस आंदोलन के कारण देशभर में कई जगहों पर जरूरी आपूर्ति प्रभावित हुई और पेट्रोल-डीजल का संकट पैदा हो गया।
इस आंदोलन के परिणामस्वरूप, सरकार को हिट-एंड-रन कानून में संशोधन करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इससे यह उम्मीद है कि भविष्य में हिट-एंड-रन मामलों में चालकों के खिलाफ अन्याय को रोका जा सकेगा।